बीजिंग: चीन की AI टेक्नोलॉजी अब एक नए स्तर पर पहुंच चुकी है। चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने अपना नया AI चैटबॉट DeepSeek-V3 लॉन्च किया, जिसने वैश्विक स्तर पर बहस छेड़ दी है। इस चैटबॉट को OpenAI के ChatGPT का प्रतिद्वंदी माना जा रहा है और इसका प्रभाव इतना बड़ा है कि Wall Street की दिग्गज टेक कंपनियों के शेयर गिर गए।
AI की रेस में चीन बनाम अमेरिका
DeepSeek-V3 की खासियत यह है कि यह बेहद कम लागत में हाई-परफॉर्मेंस AI ऑफर कर रहा है। आमतौर पर OpenAI और Meta जैसी कंपनियां AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए 16,000 से ज्यादा NVIDIA GPUs का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन DeepSeek ने सिर्फ 2,000 GPUs में यह काम कर दिखाया। इसके मॉडल को 5.58 मिलियन डॉलर की लागत में ट्रेन किया गया, जबकि अमेरिकी कंपनियों की लागत इससे 10 गुना ज्यादा होती है।
DeepSeek का यह कम लागत वाला AI चैटबॉट अब अमेरिका और चीन के बीच टेक्नोलॉजी वॉर को और तेज कर सकता है।

iPhone ऐप स्टोर पर नंबर 1
लॉन्च होते ही DeepSeek-V3 ऐपल के iPhone स्टोर पर सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला फ्री ऐप बन गया। इससे पता चलता है कि चीन में AI को लेकर भारी उत्साह है और लोग ChatGPT के विकल्प की तलाश में हैं।
सेंसरशिप और चीनी सरकार की पॉलिसी
DeepSeek के चैटबॉट की एक खास बात यह भी है कि यह संवेदनशील चीनी मुद्दों पर जवाब नहीं देता। जब इस चैटबॉट से 1989 के तियानमेन चौक नरसंहार या विन्नी द पूह और शी जिनपिंग के बीच तुलना पर सवाल पूछा गया, तो इसने जवाब देने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि विन्नी द पूह को चीन में शी जिनपिंग का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, जिसके चलते सरकार ने इसे सोशल मीडिया से हटा दिया था।
DeepSeek-V3 ने इस विषय पर सिर्फ इतना कहा:
“विन्नी द पूह चीन में एक प्यारा कार्टून कैरेक्टर है, जिसे बच्चे और परिवार पसंद करते हैं।”
इसके उलट, ChatGPT ने बताया कि विन्नी द पूह चीन में राजनीतिक व्यंग्य का प्रतीक बन गया है और इसे शी जिनपिंग की छवि से जोड़ा जाता है।
गोपनीयता और चीन का इंटरनेट कंट्रोल
DeepSeek-V3 ने इंटरनेट सेंसरशिप के समर्थन में कहा:
“चीनी सरकार नागरिकों के लिए एक सुरक्षित साइबरस्पेस उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी ऑनलाइन कंटेंट चीन के कानूनों और समाजवादी मूल्यों के तहत प्रबंधित किए जाते हैं, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता बनी रहे।”
इससे साफ है कि DeepSeek का AI मॉडल चीन सरकार की विचारधारा के अनुसार संवेदनशील मुद्दों को छूने से बचता है, जबकि ChatGPT इन विषयों पर विस्तृत जानकारी देता है।
गलत जानकारी और डेटा अपडेट
जब दोनों चैटबॉट्स से पूछा गया कि “अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति कौन हैं?”, तो दोनों ने गलत उत्तर दिया – जो बाइडेन, जबकि उनका कार्यकाल पिछले हफ्ते खत्म हो गया था। इसका कारण यह था कि दोनों का डेटा अक्टूबर 2023 तक अपडेटेड था। हालांकि, दोनों AI ने उपयोगकर्ताओं को सलाह दी कि वे अपडेटेड स्रोतों से जानकारी वेरिफाई करें।
भू-राजनीतिक मुद्दों पर DeepSeek का रूख
जब DeepSeek से अमेरिका-चीन संबंधों पर सवाल किया गया, तो इसका उत्तर चीनी सरकारी बयानों से मेल खाता था। चैटबॉट ने कहा:
“चीन और अमेरिका के संबंध दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक हैं। चीन परस्पर सम्मान और ‘विन-विन कोऑपरेशन’ के आधार पर अमेरिका के साथ संबंध विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
यह भाषा चीनी सरकार के 2021 के विदेश मंत्रालय के बयान से मेल खाती है। वहीं, ChatGPT ने ज्यादा संतुलित जवाब दिया, जिसमें उसने कहा कि अमेरिका और चीन के रिश्ते जटिल हैं, जिसमें आर्थिक निर्भरता, भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और वैश्विक सहयोग शामिल हैं।
ताइवान पर DeepSeek की राय
जब DeepSeek से पूछा गया कि “क्या ताइवान चीन का हिस्सा है?”, तो इसने चीनी सरकारी बयान की तरह ही जवाब दिया:
“ताइवान प्राचीन काल से चीन का अभिन्न हिस्सा रहा है।”
जबकि, ChatGPT ने इस विषय पर संतुलित दृष्टिकोण रखा। इसने बताया कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, लेकिन ताइवान खुद को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश मानता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर मिश्रित विचार हैं।
अमेरिकी AI कंपनियों के लिए खतरा?
DeepSeek-V3 की कम लागत और प्रभावशाली परफॉर्मेंस ने अमेरिकी AI कंपनियों को नई चुनौती दे दी है। इसका असर वॉल स्ट्रीट पर भी दिखा, जहां Nvidia के शेयरों में 17-18% तक गिरावट आई।
विशेषज्ञ इसे चीन का “स्पुतनिक मोमेंट” मान रहे हैं, यानी एक ऐसा मोड़ जहां चीन की टेक्नोलॉजी ने अमेरिका के AI लीडरशिप को कड़ी टक्कर दी है।
DeepSeek के CEO लियांग वेनफेंग की तुलना अब OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन से की जा रही है। वे चीन के AI रेवॉल्यूशन के अगुवा के रूप में उभर रहे हैं।
क्या DeepSeek AI की दुनिया में गेम चेंजर साबित होगा?
DeepSeek-V3 ने दिखा दिया है कि कम लागत में भी हाई-परफॉर्मेंस AI तैयार किया जा सकता है। अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो चीनी AI टेक्नोलॉजी, अमेरिकी कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है।
अब सवाल यह है कि क्या चीन की AI टेक्नोलॉजी अमेरिका से आगे निकल पाएगी, या यह सिर्फ एक शुरुआती लहर है?
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