मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लॉन्च किया ई-विधान सभा एप्लिकेशन

देहरादून ( अमानुल्लाह उस्मानी )– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ई-विधान सभा एप्लिकेशन का शुभारंभ किया, जिससे अब विधानसभा की कार्यवाही पूरी तरह कागज रहित हो जाएगी। इस पहल का उद्देश्य पारदर्शिता, कार्यक्षमता और संचालन में सुधार करना है। ई-विधान सभा एप्लिकेशन के माध्यम से विधानसभा की सभी प्रक्रियाएं डिजिटल रूप से संचालित होंगी। इससे कागज की बचत होगी और कार्यवाही अधिक सुगमता से पूरी की जा सकेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि इससे संसदीय कार्यों में पारदर्शिता आएगी और विधायकों व अधिकारियों के कामकाज में सुधार होगा। अब वे अपने प्रश्न, प्रस्ताव, नोटिस और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज ऑनलाइन जमा कर सकेंगे और विधानसभा की कार्यवाही को लाइव ट्रैक कर सकेंगे। सभी आवश्यक दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी उपलब्ध होगी, जिससे प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी।

इस नई डिजिटल प्रणाली से विधानसभा की सभी प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनेंगी।
निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आएगी और जनता तक सही जानकारी पहुंचाना आसान होगा।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने इस पहल को प्रशासनिक सुधार और तकनीक के बेहतर उपयोग की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया। अब सदन के सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे, जिससे विधायकों को फाइलों और कागजों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। विधायक अब अपने प्रश्न, प्रस्ताव और नोटिस ऑनलाइन जमा कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और समयबद्ध हो जाएगी। विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही की सभी जानकारियां रियल-टाइम में प्राप्त होंगी। सरकार इस पहल को राज्य के डिजिटल भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम मान रही है।

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यह पहल उत्तराखंड को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाएगी।

विपक्ष ने भी इस प्रणाली का स्वागत किया, लेकिन साथ ही सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग दोहराई।
विपक्ष के नेता यशपाल आर्य ने कहा कि ई-विधान सभा एक अच्छा कदम है, लेकिन सत्र की अवधि केवल तीन दिन रखना सही नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस डिजिटल प्रणाली का लाभ उठाने के लिए विधायकों को अधिक समय दिया जाना चाहिए

उत्तराखंड विधानसभा का यह डिजिटल रूपांतरण एक ऐतिहासिक पहल है, जो राज्य में विधायी कार्यों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा। ई-विधान सभा एप्लिकेशन से कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित होगी, जिससे विधायकों और जनता दोनों को लाभ मिलेगा। यह कदम उत्तराखंड को डिजिटल इंडिया अभियान की मुख्यधारा में आगे ले जाने में मदद करेगा