देहरादून (बिलाल अंसारी)
नवरात्रि के उपवास में खाये जाने वाले कुट्टू के आटे ने उत्तराखंड में कई लोगों की सेहत बिगाड़ दी। देहरादून और हरिद्वार ज़िले में कुट्टू का आटा खाने सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए हैं। राजधानी के कोरोनेशन,महंत इंद्रेश अस्पताल और दून अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज़ भर्ती हैं। सीएम धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने देहरादून जिला अस्पताल में पहुंचकर बीमार हुए लोगों का हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने मरीजों को बेहतर उपचार के लिए अस्पताल प्रशासन को दिशा निर्देश दिए। इतनी भरी संख्या में लोगों के एक साथ बीमार होने से पुलिस भी अलर्ट हो गई। पुलिस और प्रशासन की कई टीमें उन जगहों पर छापेमारी कर रही हैं, जहां से कुट्टू के आटे की सप्लाई हुई है। पुलिस प्रशाशन की टीमों द्वारा लगातार उक्त दुकानों व स्टोरों में छापा मारा गया। ऐसे सभी खाद्य पदार्थों को भी सीज किया गया है जिसमें मिश्रण किए जाने की सम्भावना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि मिलावट का यह कारोबार जहां भी हो रहा है, वहां पर छापेमारी कर आटे को जब्त किया जाए। इसे देखते हुए पुलिस टीम को सहारनपुर भेजा गया है। सहारनपुर में जहां-जहां से भी कुट्टू के आटे की सप्लाई हुई है, वहां पर कार्रवाई की जा रही है। सहारनपुर से जिला प्रशासन और पुलिस को भी जानकारी मुहैया करा दी गई है। जिस फैक्ट्री में में कुट्टू का आटा तैय्यार हुआ है, उस फैक्ट्री को सील करने की तैयारी की जा रही है।

दूसरी ओर हरिद्वार जिले के अलग-अलग हिस्सों में करीब 100 से अधिक लोगों ने कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी और पकवान खाए थे, जिसके बाद उन्हें पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायतें शुरू हो गईं।
देहरादून एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक जहां-जहां से भी कुट्टू का आटा खरीदा गया और सप्लाई हुई, वहां पर पुलिस व प्रशासन की टीमों ने छापेमारी की है। पुलिस की जांच में करीब 22 जगह ऐसे मिली हैं, जहां से कुट्टू का आटा खरीदा गया था। उन जगहों को सील कर दिया गया है। इसके अलावा कुट्टू के आटे को जब्त कर लिया गया है। इस मामले में फूड इंस्पेक्टर की तरफ से भी मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें ऐसे मिलावटखोरों पर कार्रवाई करने की मांग की गई है। हॉस्पिटल में भर्ती सभी मरीज अभी नॉर्मल हैं। इसके अलावा कुट्टू का आटा बेचने वाले दुकानदारों से पूछताछ की जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि इस मामले में संलिप्त लोगों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे किसी भी दुकान से कुट्टू का आटा खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करें। साथ ही, दुकानदारों को भी हिदायत दी गई है कि वे खराब और एक्सपायरी डेट का आटा न बेचें। उत्तराखंड सरकार ने प्रभावित परिवारों की मदद के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि चंद रुपयों के लिए आम जनता की ज़िन्दगियों से खिलवाड़ करने वालों पर दोनों राज्यों की सरकारे क्या कार्रवाई करती हैं ? या यह लापरवाही आगे भी जारी रहेगी ? आखिर कब तक आम जनता ऐसे मिलावटखोरों का शिकार बनकर अपनी जान जोखिम में डालती रहेगी ?