चरित्र निर्माण के लिए कोई स्कूल, कोई कॉलेज, कोई शिक्षण संस्थान नहीं होता, चरित्र निर्माण परिवार में होता है – वीके माहेश्वरी
कामयाब होने के लिए जुनून, लगन होना चाहिए-आर ए खान
देहरादून – प्रोग्रेसिव कम्युनिटी देहरादून की ओर से प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन हरिद्वार बाइपास स्थित संस्कृत भवन के ऑडिटोरियम में किया गया। जिसमें दसवीं बारहवीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले डेढ़ सौ से ज्यादा मेधावी छात्र-छात्राओं, अपने कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 40 से ज्यादा डॉक्टर, वकीलों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, खिलाड़ियों व शिक्षकों को ट्राफी एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
संस्था के अध्यक्ष सैयद ओवैस अहमद, महासचिव डॉक्टर जमशेद उस्मानी और कन्वीनर सैयद सुहेल जमीर ने सभी का आभार व्यक्त किया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रयाग आईएएस अकादमी के निदेशक आर ए खान ने संबोधित करते हुए कहा की बच्चों को कामयाब होने के लिए जुनून होना चाहिए। अगर किसी बच्चे में कुछ हासिल करने के लिए कामयाब होने के लिए जुनून है लगन है तो उसको कोई नहीं रोक सकता। यहां यह बात मायने नहीं रखती की बच्चों ने एकेडमिक एजुकेशन में कितने प्रतिशत अंक प्राप्त किया। कामयाबी के लिए जरूरी है लगन जुनून। उत्तराखंड हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार वीके माहेश्वरी ने कहा कि दसवीं के बाद ही अपना लक्ष्य तय कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण के लिए कोई स्कूल कोई कॉलेज कोई शिक्षण संस्थान नहीं होता। चरित्र निर्माण परिवार में होता है।उन्होंने यह भी कहा कि परिवार बच्चों पर डॉक्टर, इंजीनियर, वकील बनने के लिए दबाव न डालें बल्कि उनको अपना लक्ष्य तय करने में सहयोग करें।
फरमान इकबाल ने कहा कि बच्चे रील बनाने में अपना वक्त बर्बाद ना करें अच्छी तालीम हासिल करें और आगे बढ़े। अपनी एनर्जी-पढ़ाई करियर बनाने पर लगे, उत्तराखंड पुलिस के एहतेशाम ने कहा कि नाबालिग बच्चे वाहन ना चलाएं, ट्रिपिंग ना करें। टोपी नहीं हेलमेट पहन कर बाइक चलाएं। साइबर ठगी से बचने और बड़ों का सम्मान करने की अपील की।
इस मौके पर रुड़की से तशरीफ़ लाई राफिया सलमान ने दुनियावी और दीनी तालीम दोनों को बेहद जरूरी बताया और चरित्र निर्माण पर जोर दिया। मुंबई से तशरीफ़ लाई फिल्म कलाकार फरिया खान ने बच्चों को सफल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप कोई भी करियर चुने पर अपना लक्ष्य आज ही निर्धारित कर ले।
लेखक फिल्मकार ख्याति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय दास्तानगो सैयद साहिल आगा ने मातृभाषा की अहमियत बताते हुए कहा की अपना कल्चर और अपनी मातृभाषा को कभी ना भूलें, उसे कभी ना छोड़े, आप कितनी भी बुलंदियों पर पहुंच जाएं लेकिन अपनी मातृभाषा को हमेशा अपनाना चाहिए।
पत्रकारिता के लिए बीबीसी संवाददाता आसिफ अली, हाफिज शाह नजर, अमजद उस्मानी, मोहम्मद चांद खुर्रम शमसी, आसिफ हुसैन, नासिर हुसैन ,अफरोज अहमद, गोल्डन टाइम संवाददाता शाइना परवीन, वकालत के लिए सलमान आसिफ एडवोकेट, नईम अहमद एडवोकेट, इंजीनियर सादिक हुसैन, कैलीग्राफी के लिए मिस शगुफा साबरी, मेडिकल साइंस के लिए डॉक्टर काजी उनवान उल हक, डॉ सदाकत अली और डॉक्टर नाजिल तुर्क, स्पोर्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी श्रीमती अफसा जबी, नबीला हाशमी, शिक्षा के लिए इब्राहिम मेहताब और सामाजिक कार्यों के लिए फरमान इकबाल साहब, श्रीमती नसरीन सबा अंसारी, शाह आलम, मोहम्मद आमिर खान, मोहम्मद सादात, इरशाद अहमद, सागर राजपूत, एडवोकेट महताब आलम, एहतेशाम हुसैन सिद्दीकी आदि को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया|
इस मौके पर प्रोग्रेसिव कम्युनिटी के संरक्षक इंजीनियर अब्दुल रहमान साहब, संरक्षक मशहूर शायर जिया नहटौरी साहब, संरक्षक डॉक्टर रियाजुल हसन सिद्दीकी साहब, डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी के रजिस्टर रोहित रस्तोगी ने भी छात्र-छात्राओं को जीवन में सफलता के गुर बताएं।
प्रोग्राम को सफल बनाने में अशरफ हाशिम साहब, गुलाम साबिर सिद्दीकी साहब, खालिद फारुकी साहब, मोइनुद्दीन सिद्दीकी साहब, आरिफ सिद्दीकी साहब, एडवोकेट दानिश गजाली साहब, इंजीनियर शमीम साहब, अशरफ जमाल साहब, मोहम्मद ताहिर, अरीब फारुकी साहब, सैयद इबाद साहब सैयद आबिद साहब, एडवोकेट फरजानुल्लाह उस्मानी साहब, अमानुल्लाह उस्मानी साहब, अदीब फारुकी साहब, डॉ बिलाल अंसारी, डॉ एम एस अंसारी साहब, डॉ आलिया मोहम्मद रिजवान का भी योगदान रहा।










