देहरादून (बिलाल अंसारी) –
साइबर ठगों ने सोशल मीडिया के दौर में साइबर क्राइम के नए नए तरीके भी ईजाद कर लिए हैं। ये ठग इन नए-नए तरीको से जनता की गाढ़ी कमाई को मिनटों में साफ़ कर देते हैं। हालाँकि पुलिस लगातार जनता से अपील करती रहती है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों, फर्जी साईट, धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें। साथ ही फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करने , किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करने, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आने एवं कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना या दस्तावेज न देने की भी अपील करती है।
आज साइबर थाना पुलिस टीम की तकनीकी निगरानी व सतत पुलिसिंग से अभियुक्त का लोकेशन ट्रेस कर टीम द्वारा एक साइबर ठग को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है जो फ़र्ज़ी सैनिक बनकर OLX किराए के नाम पर सेना या पैरामिलिट्री कर्मी बनकर साइबर ठगी करता था। उक्त ठग गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने घर से 300 किमी दूर छिपा था। अभियुक्त लगभग एक वर्ष से फरार चल रहा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। मामले में वांछित होने के बावजूद अभियुक्त अपने घर से दूर अलग-अलग स्थानों पर छिपकर रह रहा था, ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सके।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने जानकारी देते हुये बताया कि उक्त प्रकरण वर्ष 2022 का है, जिसमें देहरादून निवासी पीड़ित ने थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें पीड़ित ने अपना मकान किराए पर देने के लिए OLX प्लेटफ़ॉर्म पर विज्ञापन प्रकाशित किया था। उसी विज्ञापन के आधार पर अभियुक्त ने पीड़ित से संपर्क किया। अभियुक्त ने स्वयं को सीआईएसएफ का जवान बताते हुए पीड़ित का विश्वास जीता और फर्जी आधार कार्ड एवं पहचान पत्र व्हाट्सएप पर साझा किए। इसके बाद अभियुक्त ने पीड़ित को यह कहकर भ्रमित किया कि सेना व पैरामिलिट्री के नियमों के अनुसार मकान किराए पर लेने से पहले अग्रिम राशि मकान मालिक द्वारा भी जमा करानी होती है। इस झांसे में आकर पीड़ित ने विभिन्न बैंक खातों में कुल ₹12,46,000/- की राशि ट्रांसफर कर दी। मामले की विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ सबूत पाए जाने पर चार्जशीट दाखिल की गई थी। उक्त प्रकरण में न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। साइबर क्राइम पुलिस टीम द्वारा लगातार तकनीकी निगरानी एवं सतत पुलिसिंग से अभियुक्त का लोकेशन ट्रेस कर उसे दबोचा गया। इस प्रकरण का मुख्य अभियुक्त शरीफ मोहम्मद पुत्र महबूब, निवासी कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर, राजस्थान को गिरफ्तार किया गया। साइबर थाना पुलिस टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लगातार तकनीकी विश्लेषण, बैंक खातों की जांच, कॉल डिटेल्स एवं डिजिटल फुटप्रिंट्स का अध्ययन किया। न्यायालय, देहरादून के आदेशानुसार साइबर थाना पुलिस टीम ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तथा सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही की गई।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पैतृक निवास कल्याणपुर, थाना खोह, जिला भरतपुर (राजस्थान) से करीब 300 किलोमीटर दूर जयपुर के खोह नागोरिया क्षेत्र में छिपकर रह रहा था। इसी दौरान वह गुप्त रूप से अपने साथियों के संपर्क में रहकर विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों को अंजाम देता आ रहा था। अभियुक्त ने यह भी खुलासा किया कि वह लगातार फर्जी पहचान पत्रों, अलग-अलग मोबाइल नंबरों एवं विभिन्न बैंक खातों का प्रयोग करके धोखाधड़ी करता था, जिससे पीड़ितों को ठगा जा सके और पुलिस की पकड़ से दूर रहा जा सके। उसके द्वारा बनाए गए संपर्क नेटवर्क और तकनीकी तरीकों का इस्तेमाल कर कई व्यक्तियों को ऑनलाइन निवेश एवं OLX जैसे प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी के जाल में फंसाया गया। अभियुक्त के कब्जे से प्राप्त डाटा का विश्लेषण जारी है, जिससे उसके अन्य साथियों और नेटवर्क का भी पर्दाफाश होने की संभावना है।